भगवान से वार्तालाप

handwritten text on a napkin
✍️by the author

जब तक हूँ परेशान,
आऊँगा आपकी दूकान।

मिल गया हल
और हो गया समाधान,
तो मैं फिर से शैतान
और आप फिर भी भगवान।


मूर्ख हूँ मैं, पूरक हो तुम,

जुदां हूँ जब तक ,
दूजा हूँ तब तक,
मिल गए जिस वक़्त,
मिट गए सब फ़र्क़।

Amansh

Amansh

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